दिसम्बर 2013 क्रिसमस विशेष
क्योंकि हमारे लिये एक बालक उत्पन्न हुआ, हमें एक पुत्र दिया गया। और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम, अद्भुत युक्ति करने वाला पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जायेगा।
"क्रिसमस आ रहा है..."
क्रिसमस के समय, वर्ष के अन्य समयों की तुलना में, यह असमानता अधिक उजागर होती है कि "किस के पास क्या है" और "क्या नही है।" ग्रेट ब्रिटेन में, क्रिसमस के समय पर, एक परिवार का दोपहर के खाने का लगभग खर्च 13500 रू0 है, जो कि उसका लगभग दुगना पैसा है जितना एक बेरोजगार को, एक पूरे हफ्ते में, अपनी जीविका चलाने के लिए चाहिये। और तुर्की की सीमा पर लगे शरणार्थी शिविरों में हजारों लोग, जो हिंसाग्रस्त सीरिया से भागकर इन शिविरों में रह रहे है, ठंड और भूख के कारण महाविपत्ति में है, क्योंकि सहायक ऐजेन्सी ऐसा मानती है कि उन लोगों को सहायता देना बहुत खतरनाक है।
क्रिसमस की उत्पत्ति
क्रिसमस का आरम्भ कैसे हुआ? बाईबल के विद्धवानो में इस बात पर बहुत अधिक मतभेद है कि यीशु का जन्म वर्ष के किस समय में हुआ था, और यह समय लगभग वह है जब "कान्सटेन्टाईन" पहला "ईसाई" सम्राट बना, और गैर ईसाई अर्थात रोमियो के पर्व "सेटर्नऐलिया" (17-25 दिसम्बर) को ईसाईयों के द्वारा बंद कर दिया गया और यह समय यीशु मसीह के जन्म के रूप में प्रचलित हो गया। इस प्रकार 25 दिसम्बर का दिन पहले क्राईस्ट मॉस (Christ’s Mass) और बाद में क्रिसमस (Christmas) के रूप में मनाया जाने लगा और एक छुट्टी और यीशु मसीह के जन्म के वार्षिक स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाने लगा।
इसलिए 25 दिसम्बर के दिन को चुनकर मनाना चाहे गलत हो या सही हो, लेकिन एक बात निश्चित है कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को इस दुनिया में भेजने का समय चुनने में कोई गलती नही की।
"...जब समय पूरा हुआ, तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो स्त्री से जन्मा, और व्यवस्था के अधीन उत्पन्न हुआ। ताकि व्यवस्था के अधीनों को मोल लेकर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले।" (गलतियों 4:4)
यीशु का जन्म
रोम के दासत्व में पड़ी पलिस्तीन की भूमि, जो कि आज जैसा ही समय था, जिसमें धन सम्पत्ति और गरीबी की अति थी। परमेश्वर ने चाहा कि उसका पुत्र पवित्र आत्मा की सामर्थ के द्वारा एक कुवांरी युवती से पैदा हो, और यह कि ये सुसमाचार सबसे पहले बेतलहम के मैदान में सो रहे उन गडरियों को मिले जो अपनी भेड़ो की रखवाली कर रहे है।
लूका ने इस घटना का बड़े ही सुन्दर ढंग से वर्णन किया है:
"और वह (मरियम) अपना पहिलौठा पुत्र जनी और उसे कपड़े में लपेटकर चरनी में रखा; क्योंकि उन के लिये सराय में जगह न थी। और उस देश में कितने गड़रिये थे, जो रात को मैदान में रहकर अपने झुण्ड का पहरा देते थे। और प्रभु का एक दूत उन के पास आ खड़ा हुआ; और प्रभु का तेज उनके चारों ओर चमका, और वे बहुत डर गये। तब स्वर्गदूत ने उनसे कहा, मत डरो; क्योंकि देखो मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूं जो सब लोगों के लिये होगा। कि आज दाऊद के नगर में तुम्हारे लिये एक उद्धारकर्ता जन्मा है, और यही मसीह प्रभु है।" (लूका 2:7-11)
क्रिसमस का वास्तविक अर्थ
क्रिसमस का वास्तविक अर्थ स्वर्गदूत के द्वारा की गयी, प्रभु यीशु मसीह के जन्म की, भविष्यवाणी के इन शब्दों में निहित है। उसने युसूफ से कहा:
"वह (मरियम) पुत्र जनेगी और तू उसका नाम यीशु रखना; क्योंकि वह अपने लोगों का उन के पापों से उद्धार करेगा।" (मत्ती 1:21)
और फिर मरियम से कहा:
"वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उस को देगा। और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।" (लूका 1:32-33)
आज हमारे अन्याय भरे संसार में, जहां एक के बाद एक संकट आते है, इन शब्दों में आशा और आश्वासन के दो स्पष्ट संदेश है। पहला यह कि परमेश्वर ने इस संसार को व्यर्थ में नही बनाया है। उसकी यह योजना है कि एक दिन शीघ्र ही इस संसार में उसके पुत्र, प्रभु यीशु मसीह, के द्वारा एक शान्ति और धार्मिकता का राज्य स्थापित किया जायेगा।
दूसरा यह कि, परमेश्वर ने अपने पुत्र को, पापों के लिए एक सिद्ध बलिदान होने के लिए, इस जगत में भेजा। यीशु मसीह ने एक सिद्ध और पापरहित जीवन जिया और इसलिए उनकी मृत्यु नही हो सकती थी लेकिन उन्होंने अपने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए कष्टों को सहा और क्रूस की मृत्यु को सहा ताकि जो भी उन पर विश्वास करें वह परमेश्वर के राज्य में अनन्त जीवन की आशा पाये।
तो आओ इस क्रिसमस के अवसर पर हम उनको याद करें जो हमारे जैसे सौभाग्यशाली नही है और जितना हो सके हम उनकी सहायता करें। आओ हम प्रभु यीशु मसीह के नाम में बपतिस्मा लें और उस समय की सच्ची आशा को, जब मसीह पुन: इस पृथ्वी पर आयेगा, अपने हद्धय में जगह दें। तब, परमेश्वर की इच्छा से, हम उसके आमने सामने होंगे और पृथ्वी पर परमेश्वर के महिमामय राज्य में सदा सर्वदा के लिए उसके साथ रहेंगे।
क्रिसमस- लौटाने के लिए एक समय
"दिया करो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा; लोग पूरा नाप दबा दबाकर और हिला हिलाकर और उभरता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे, क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो, उसी से तुम्हारे लिये भी नापा जाएगा।" लूका 6:38
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